1. एक झटके में बुला लेना मुझे अपने पास,
ऐ ख़ुदा !
तुझसे मिलने के वास्ते आख़िरी पलों का इन्तज़ार भी लम्बा है..
2. मेरी तन्हाइयों की किताबों में जो तेरे गुलाबों की ख़ुश्बू अभी बाकी है,
कुछ तेरी मोहब्बत का हिसाब फिर रहता है..
3. ज़िक्र तो तब हो,
जब बात ज़बाँ से छूटे भी
अर्ज़ किया है,
इश्क तो है, पर असर नहीं ..
4. न पूछो मुझसे क्या कहती है मेरी शायरी,
वो रंज़ है मेरा जिसका तुम लुत्फ़ उठा रहे हो..
ऐ ख़ुदा !
तुझसे मिलने के वास्ते आख़िरी पलों का इन्तज़ार भी लम्बा है..
2. मेरी तन्हाइयों की किताबों में जो तेरे गुलाबों की ख़ुश्बू अभी बाकी है,
कुछ तेरी मोहब्बत का हिसाब फिर रहता है..
3. ज़िक्र तो तब हो,
जब बात ज़बाँ से छूटे भी
अर्ज़ किया है,
इश्क तो है, पर असर नहीं ..
4. न पूछो मुझसे क्या कहती है मेरी शायरी,
वो रंज़ है मेरा जिसका तुम लुत्फ़ उठा रहे हो..
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